आप जिस वीडियो को देखने जा रहे हैं वह हिंदू पौराणिक कथाओं और लोक कथाओं से प्रेरित है। ये कहानियां हजारों साल पुराने धार्मिक ग्रंथों पर आधारित हैं। कृपया ध्यान दें कि हमारा उद्देश्य किसी व्यक्ति, संप्रदाय या धर्म की भावनाओं को आहत करना नहीं है। ये पौराणिक कहानियाँ केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं और हमें उम्मीद है कि उन्हें इसी तरह लिया जाएगा।
Garuda Purana
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तीन जगह जहा पर भगवान हैं
- घर मे रखा हुआ शँख , जब हम इसे अपने कान मे लगा कर आवाज सुन्नते है ,तो इसमे से समुद्र के पानी की आवाज आती है।
- भगवान सालीग्राम- जब आप इन्हे हाथ मे लेंगे तो इसमे से पसीना आता हैं, यह वेसे तो एक पत्थर हैं, जो नेपाल मे मिलता हैं।
- गाय के कान मे, अपना कान लगा कर सुनने पर उसमे से पानी की आवज आती हैं।
गरुड़ पुराण मे 15 अध्याय हैं
यमलोक= 86000 योजन हैं,
1 योजन= 15 किमी हैं madam
86000×15= 1,290,000 किमी
मरने के बाद आत्मा एक दिन मे = 3945 किमी / दिन-रात चलती हैं।
जब मनुष्य गर्भ मे होता हैं तो वह मल-मूत्र मे लिप्त रहता हैं और भगवान से कहता हैं, मुझे बाहर निकलो,मै आपका दास हु,आपकी भक्ति करूँगा,आपका नाम स्मरण करूँगा, लेकिन बाहर आने के बाद वह सबसे पहले रोना शुरू करता हैं, धीरे-धीरे वह जगत की चमक धमक देख कर सब भूल जाता हैं।
व्यक्ति की बचपन मे - पाँव चंचल होते हैं
जवानी मे- रोम रोम चंचल
बुढ़ापे मे- जुबान चंचल होती हैं।
यमपुरी मे चार द्वार हैं -
दक्षिण - यम
पूर्व- ब्रह्म
उत्तर-शिव
पश्चिम-विष्णु
लेकिन पापी आत्मा को न यम लोक दिखता हैं, दक्षिण द्वार से पापी आत्मा प्रवेश करती हैं, और अपना परिचय देती हैं।
चित्रगुप्त जो की पापी आत्मा का लेखा जोखा रखते है
इनका अपना अलग महल है सयमनीपुरी ,इनकी दो शादिया हुई, पहली पत्नी सूर्यदक्षिणा/नंदनी जो ब्राह्मण कन्या थी, इनसे 4 पुत्र हुए जो भानू, विभानू, विश्वभानू और वीर्यभानू कहलाए। दूसरी पत्नी एरावती/शोभावति ऋषि कन्या थी, इनसे 8 पुत्र हुए जो चारु, चितचारु, मतिभान, सुचारु, चारुण, हिमवान, चित्र और अतिन्द्रिय कहलाए।
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